Police

पॉडकास्ट की दुनिया में कदम रखेगी पुलिस

डिजिटल ऑडियो प्रेजेंटेशन कर दिल्ली पुलिस पॉडकास्ट की दुनिया में कदम रखने जा रही है। आजादी का अमृत महोत्सव के वर्ष में 'किस्सा खाकी का' शीर्षक से अपने पॉडकास्ट के द्वारा पुलिस अपनी अनसुनी कहानियों के माध्यम से जनता के साथ संवाद स्थापित करेगी।

Tags

वारंट कितने प्रकार के होते है?

अरेस्ट वारंट दो प्रकार के होते है जमानतीय वारंट और गैर जमानतीय वारंट. जमानतीय वारंट से डरने की कोई जरूरत नही होती है. इसमें आपको कोई अरेस्ट नही करता है. जबकि गैर जमानतीय वारंट में आपको अरेस्ट किया जा सकता है.

क्या पुलिस को किसी को मारने का अधिकार है?

किसी भी आरोपी को मारने का पुलिस के पास अधिकार नहीं है। कानून ने उन्हें जो अधिकार दिए हैं, वह कानून की सुरक्षा के लिए दिए हैं। इस अधिकार का सही इस्तेमाल करके पुलिस नागरिकों के अधिकार को संरक्षण देती है। कानून किसी को भी मारपीट का अधिकार नहीं देता है।

पुलिस द्वारा किसी व्यक्ति को गैरकानूनी ढंग से अपने कब्जे में रखना कहलाता है?

यदि पुलिस किसी को गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार करती है तो यह न सिर्फ भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता मतलब सीआरपीसी का उल्लंघन है, बल्कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 20, 21 और 22 में दिए गए मौलिक अधिकारों के भी विरूद्ध है।

अगर पुलिस न सुने तो क्या करे?

अगर पुलिस आपकी शिकायत को दर्ज करने से इनकार कर देती है तो आपके पास अधिकार है कि आप किसी सीनियर ऑफिसर के पास जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. अगर इसके बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं होती है तो आप CrPC के सेक्शन 156 (3) के तहत मेट्रोपॉलिटिन मजिस्ट्रेट के पास इसकी शिकायत करने के अधिकारी हैं.

Tags

किशोरों का अधिकार

अंडमान निकोबार पुलिस

किशोरों का अधिकार

किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और सरंक्षण) अधिनियम, 2000 के तहत विशेष किशोर पुलिस एकांश का गठन

महिला तथा बाल सहायता दूरभाष सं. 1098 (टोल फ्री)

ऐसा माना जा रहा है कि किसी भी जनसंख्या में बच्चों की संख्या अतिसंवेदनशील वर्ग है जिन्हें विशेष देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता है भारत का संविधान राज्य पर यह सुनिशिचत करने का दायित्व दिया है कि बच्चों की आवश्यकताओं को पूरा किया जा रहा है और उनकी बुनियादी मानवीय अधिकारों को सुरक्षा प्रदान किया जा रहा है ।

यातायात अपराध, कानून की धारा एवं जुर्माना राशि की सूची

अंडमान निकोबार पुलिस

यातायात अपराध, कानून की धारा एवं जुर्माना राशि की सूची

साइबर नियम

अंडमान निकोबार पुलिस

साइबर नियम

साइबर अपराध की मूलभूत जानकारी

‘‘कम्प्यूटर तथा नेटवर्क से संबंधित कोई भी अपराधिक कार्य (हैकिंग कहा जाने वाला) साइबर अपराध के अंतर्गत आता है । इसके अलावा, साइबर अपराध में इंटरनेट के माध्यम से किए जाने वाले परम्परागत अपराध भी शामिल है। जैसे कि घृणित अपराध टेलीमार्केटिंग तथा इंटरनेट धोखाधड़ी पहचान की चोरी तथा क्रेडिट कार्ड एकाउंट की चोरी को साइबर अपराध माना जाता है जब कम्प्यूटर तथा इंटरनेट के इस्तेमाल के माध्यम से अवैध कार्य किए जाते हैं।’’

Process of MLC / Process of FIR

✅ Process of MLC?

एमएलसी की फुल फॉर्म होती है| मेडिको लीगल केसेस यह एक ऐसा डॉक्यूमेंट है जिसमें लिखा रहता है कि कितनी चोट लगी है कितनी इंजरी है| एमएलसी के अंदर डॉक्टर एडवाइस करता है इसके आधार पर पुलिस अपनी एफ आई आर के अंदर धाराओं को लगाती है| एमएलसी एक बहुत जरूरी डॉक्यूमेंट है जिसके आधार पर किसी भी केस को जीता या हारा जा सकता है| इसीलिए कहां जाता है जितनी मजबूत एमएलसी उतना ही मजबूत केस|

Subscribe to Police