Process of MLC / Process of FIR

Process of MLC / Process of FIR

✅ Process of MLC?

एमएलसी की फुल फॉर्म होती है| मेडिको लीगल केसेस यह एक ऐसा डॉक्यूमेंट है जिसमें लिखा रहता है कि कितनी चोट लगी है कितनी इंजरी है| एमएलसी के अंदर डॉक्टर एडवाइस करता है इसके आधार पर पुलिस अपनी एफ आई आर के अंदर धाराओं को लगाती है| एमएलसी एक बहुत जरूरी डॉक्यूमेंट है जिसके आधार पर किसी भी केस को जीता या हारा जा सकता है| इसीलिए कहां जाता है जितनी मजबूत एमएलसी उतना ही मजबूत केस|

एमएलसी साधारण मेडिकल से अलग होती है साधारण मेडिकल में डॉक्टर आपकी बीमारी का प्रिसक्रिप्शन लिख कर देता है| जबकि एमएलसी एक कंप्लीट डॉक्यूमेंट होता है एमएलसी के अंदर आपकी पूरी बॉडी का फोटो बना होता है जिसमें दिखाया जाता है कि आपको कहां-कहां चोट लगी है और फोटो के अंदर आपकी चोटों को मार्क भी किया जाता है|

एमएलसी में दी गई एडवाइज बहुत ही अहम होती है इसीलिए के केसेस  के अंदर डॉक्टर को गवाही के लिए भी बुलाया जाता है| एमएलसी की ओरिजिनल कॉपी पुलिस को ही दी जाती है यह पेपर आपको नहीं दिया जाता आपको केवल डिस्क्रिप्शन की एक कॉपी मिलती है|

✅ Type of injuries in MLC?

तो अब देखते हैं की एमएलसी में चोटों को कैसे लिखा जाता है एमएलसी में चोट को 3 तरीके से लिखा जाता है

  1. Simple
  2. Grievous
  3. Danger

अगर किसी को Simple चोट लगी है तो पुलिस आईपीसी के तहत 323 दक्षिण के अंदर मुकदमा दर्ज करती है|

अगर किसी को Grievous चोट लगी है तो पुलिस आईपीसी सेक्शन 325 के तहत मुकदमा दर्ज करती है|

अगर किसी को ऐसी चोट लग जाती है जिसमें जान जाने का खतरा है तो पुलिस आईपीसी सेक्शन 302 307 और 308 के के तहत मुकदमा दर्ज करती है और पुलिस ऐसे केसेस के अंदर सरकमस्टेंस इसको देख कर 302 307 308 का मुकदमा दर्ज करती है|

✅ Process of FIR after pvt. MLC?
 

अब देख पॉइंट पर बात करते हैं कि अगर पुलिस आपकी एमएलसी कराने से मना करती है मतलब मारपीट होती है और आप पुलिस स्टेशन जाते हैं और पुलिस एमएलसी कराने से आपका f.i.r. लिखने से मना करती है तो क्या करें :-

तो ऐसे में आप प्राइवेट हॉस्पिटल में भी अपनी एमएलसी बनवा सकते हैं प्राइवेट हॉस्पिटल में जाकर के अपनी एमएलसी के बारे में बताना है और अपनी चोटों को दिखा करके अपना इलाज करवाना है| और अगर पुलिस आपके इस प्राइवेट एमएलसी को मना करती है तो आप अंडर सेक्शन 153 मैं के तहत आप मुकदमा दर्ज कर सकते हैं|

एमएलसी कराते वक्त आपको किस चीज का ध्यान रखना है

जब आप हॉस्पिटल पहुंचे तो आप अपनी चोटों का ब्यौरा सही-सही डॉक्टर को बताएं, अगर आपको अंदरूनी चोट लगी है तो उसके बारे में भी डॉक्टर को जानकारी दें, और हो सके तो अपनी चोटों की फोटोग्राफी भी करवाएं, और जब आप का झगड़ा होता है और आप हॉस्पिटल पहुंचते हैं और डॉक्टर आपको कहता है पहले पुलिस को बुलाइए तो इस पर कानून क्या कहता है|

सुप्रीम कोर्ट ने अपने जजमेंट में साफ कहा है जब भी कोई घायल हॉस्पिटल पहुंचे तो सबसे पहले उसका इलाज होना चाहिए फिर बाद में दूसरी औपचारिकताओं को पूरा करना चाहिए इसके बाद अब सबसे पहले मरीज का इलाज होता है फिर जब पुलिस पहुंचती है तो फिर वह उसका बयान रिकॉर्ड करती है और घायल की एमएलसी को तैयार किया जाता है