साइबर नियम

अंडमान निकोबार पुलिस

साइबर नियम

साइबर अपराध की मूलभूत जानकारी

‘‘कम्प्यूटर तथा नेटवर्क से संबंधित कोई भी अपराधिक कार्य (हैकिंग कहा जाने वाला) साइबर अपराध के अंतर्गत आता है । इसके अलावा, साइबर अपराध में इंटरनेट के माध्यम से किए जाने वाले परम्परागत अपराध भी शामिल है। जैसे कि घृणित अपराध टेलीमार्केटिंग तथा इंटरनेट धोखाधड़ी पहचान की चोरी तथा क्रेडिट कार्ड एकाउंट की चोरी को साइबर अपराध माना जाता है जब कम्प्यूटर तथा इंटरनेट के इस्तेमाल के माध्यम से अवैध कार्य किए जाते हैं।’’

साइबर अपराध की एक सामान्य परिभाषा यह हो सकती है ‘‘गैर-कानूनी कार्य जिसमें कम्प्यूटर एक हथियार या लक्ष्य या फिर दोनों होता है । निम्नलिखित प्रकार के कार्यों में कम्प्यूटर को एक हथियार के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। -वित्तीय अपराध, अवैध सामग्रियांे की बिक्री, अष्लील साहित्य, आॅनलाइन जुआ, बौद्धिक संपत्ति अपराध, जालसाजी, साइबर मानहानि, साइबर स्टोकिंग । तथापि कम्प्यूटर को निम्नलिखित मामलों में गैर कानूनी कार्य कार्यो के लिए लक्ष्य बनाया जा सकता है - कम्प्यूटर/कम्प्यूटर सिस्टम/कम्प्यूटर नेटवक्र्स का अप्राधिकृत प्रयोग, इलेक्ट्राॅनिक कार्य में निहित सूचना की चोरी, ईमेल बोम्बिंग, डाटा डिडलिंग, सलामी अटैक्स, लोजिक बोम्बस, ट्रोजन अटैक्स, इंटरनेट टाइम थेफ्ट, वेब जैकिंग, कम्प्यूटर सिस्टम की चोरी, कम्प्यूटर सिस्टम को प्रत्यक्ष रूप मंे हानि पहुँचाना ।

साइबर अपराध के प्रकार

हैकिंग

हैकर्स या टार्गेट कम्प्यूटर में अटैक करने के लिए रेडीमेड कम्प्यूटर कार्यक्रम का राइट या इस्तेमाल करते है । वे टार्गेट कम्प्यूटर में प्रवेष कर डाटा प्राप्त करने की क्षमता रखते है । कुछ हैकर्स निजी आर्थिक लाभ हेतु हैक करते हैं, जैसे कि क्रेडिट कार्ड सूचना की चोरी के लिए, विभिन्न बैंकों के खातों से अपने खातों में राषि का अंतरण कर पैसे निकालकर । वे बड़े निगम को, चुराई गई सूचना जो कि संवेदनषील प्रकृति की है, के प्रकाषन की धमकी देकर रूपये लूटते हैं ।

बाल अष्लील साहित्य

बाल यौन शोषण के संदर्भ के विष्व स्तर पर इंटरनेट का बहुत अधिक दुरूपयोग हो रहा है । इंटरनेट पर सुलभ अष्लील साहित्य से बहुत कम बच्चे दूर रह पाते हैं । बालरति बच्चों में अष्लील सामग्री आबंटित कर उन्हें बहकाते हंै, कामसुख हेतु उनसे मिलने का प्रयास करते हैं या कामुकता में लीन अवस्था सहित उनके नग्न फोटोग्राफ लेते हैं। कभी-कभी बालरति बच्चों से किषोर या उनके उम्र के बच्चे बनकर चैट रूम में मिलते हैं ।

साइबर षिकार

इंटरनेट सेवा के प्रयोग द्वारा साइबर अपराधी का, पीड़ित को, बार-बार परेषान करने तथा धमकाने के व्यवहार को साइबर अपराध के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। षिकारी की इच्छा होती है कि पीड़ितों के जिन्दगी को नियंत्रित करें । अधिकतर निरूत्साही प्रेमी तथा पूर्व प्रेमी होते हैं जो अपनी गुप्त इच्छाओं से संतुष्ट न होने पर पीड़ित को परेषान करते हैं अधिकतर षिकारी पुरूष तथा पीड़ित महिला होती है ।

स्टाॅकर्स कैसे कार्य करते हैं ।

पीड़ित के संबंध में सभी निजी सूचनाएँ जैसे नाम, परिवार की पृष्ठभूमि, निवास तथा कार्यस्थल का दूरभाष सं. पीड़ित के रोजमर्रा की दिनचर्या, निवास स्थान तथा कार्य स्थल का पता, जन्मतिथि आदि एकत्र करता है । यदि षिकारी पीड़िता के पहचान वालों में से एक है तो उसे सूचना एकत्र करने में आसानी होती है । यदि स्टाॅकर्स, पीड़ित से अपरिचित होता है, वह यह सूचना इंटरनेट के स्त्रोतों जैसे विभिन्न प्रोफाइल, जिसे पीड़ित ने चैट आरंभ करते समय या ईमेल एकाउंट या किसी वेबसाइट में एकाउंट साईनिंग करते समय भरा होगा, सूचनाएँ एकत्र करता है ।

स्टाॅकर्स इस सूचना को यौन सेवा या डेटिंग सेवा से संबंधित किसी वेबसाइट में पीड़ित की ओर से पोस्ट करता है तथा लोगों को लैंगिक सेवा के लिए पीड़ित के दूरभाष संख्या पर काॅल करने के लिए कहता है । स्टाॅकर्स इच्छुक व्यक्तियों को आमंत्रित करने के लिए बहुत ही अष्लील भाषा का प्रयोग करता है। फिलहाल ‘‘ओरकुट’’ वेबसाइट ऐसे गंदे संदेषों के लिए जाना जाता है जिसे स्टाॅक्र्स उक्त साइट के सूचना पट्ट पर पोस्ट करते हैं ।

दुनिया के सभी कोने से सभी प्रकार के लोग जो ऐसी सूचना पढ़ते हैं, पीड़िता को उनके निवास स्थान तथा कार्य स्थल पर काॅल कर, यौन सेवा या संबंध की माँग करते हैं ।

कुछ षिकारी पीड़िता के ईमेल एकाउंट, कई अष्लील तथा यौन साइट को सबस्क्राइब कर देते हैं जिसके कारण पीड़िता को अकारण संदेष प्राप्त होने लग जाता है ।

क्रेडिट कार्ड की धोखा धड़ी

क्रडिट कार्ड के अप्राधिकृत तथा अवैध प्रयोग संपत्ति खरीदने के लिए किया जाता है । क्रेडिट कार्ड की सूचना स्कीम्मर्स के प्रयोग द्वारा प्राप्त की जाती है, रेस्तराँ तथा होटलों में ऐसे अपराधों की संभावना अधिक होती है । क्रेडिट कार्ड संबंधी सूचना पिषिंग के माध्यम से भी प्राप्त की जाती है। यदि इंटरनेट पर यूसर के क्रेडिट कार्ड का विवरण कोई व्यक्ति माँगता है तो, यह सलाह दी जाती है कि पहले दूरभाष द्वारा उस संगठन विषेष की पुष्टि कर लें ।

पिशिंग

किसी यूसर को वैध इंटरप्राइज होने का झूठा दावा करते हुए, ईमेल भेजने के कार्य, जिससे कि यूसर से निजी सूचना लेकर पहचान की चोरी करने का प्रयास किया जाता है । ईमेल में यूसर को निर्देष दिया जाता है कि किसी वेबसाइट मंे जाएं, जहाँ पर उन्हें निजी सूचना अद्यतन करने को कहा जाता है, जैसे कि पासवर्ड और क्रेडिट कार्ड, सोषल सेक्यूरिटी तथा बैंक एकाउंट संख्या जो वैध संगठन के पास पहले से रहता है। यद्यपि वेबसाइट नकली होती है और मात्र यूसर की सूचना चुराने हेतु बनी है पिषिंग वह उपाय है जिसमें इस उम्मीद के साथ प्रलोभन दी जाती कि इसमें कोई तो ठगा जाएगा । यूसर को यह सलाह दी जाती है कि वे उस संगठन विषेष से दूरभाष द्वारा पहले पुष्टि कर ले जिसे वह सूचना दे रहा है ।

नेट एक्सटोर्षन

किसी कंपनी से भारी रकम ऐंठने हेतु उस कंपनी के गोपनीय डाँटा की काॅपी लेना ।

वायरस फैलाना

अहितकर साॅफ्टवेयर जो स्वयं साॅफ्टवेयर के साथ लग जाते हैं । (वायरस, वाम्र्स, ट्रोजन होर्स, टाइम बोम्ब, लोजिक बोम्ब, रैबिट और बैक्टीरियन अहितकर साॅफ्टवेयर है।)

साॅफ्टवेयर की गोपनीयता

महत्वपूर्ण कार्यक्रमों की अवैध काॅपी या काउन्टरफिटिंग के माध्यम से साॅफ्टवेयर की चोरी करना तथा उसे मूल काॅपी के रूप में आबंटित करना ।

आई.आर.सी.अपराध

इंटरनेट रिले चैट (आई.आर.सी.) सर्वर के चैट रूप में विष्व के कोने-कोने से लोग आपस में बाते कर एक दूसरे के करीब आते हैं यह निवेदन की जाती है कि उक्त साइबर संबंधित अपराधों को प्रमुख समाचार पत्रों में लोकहित में प्रकाषित की जाए, ताकि ऐसे अपराधों से अनभिज्ञ नेट का प्रयोग करने वाले ऐसे साइबर अपराधी के जाल में न फंसे ।

डीनायल आॅफ सर्विस अटैक

ऐसे अपराध के कार्यों मंे अपराधी पीड़ित के नेटवर्क के बैडविद को बाधित करता है या उनके ईमेल बाॅक्स में स्पैन ईमेल भर लेता है जिससे कि पीड़ित अपने अधिकारों से वंछित हो जाता है। डिनायल आॅफ सर्विस अटैक नेटवर्क पर किया जाने वाला वह अटैक है जो बेकार के टैरिफ द्वारा नेटवर्क को बाधित कर उसके प्रयोग पर रोक लगाता है । ऐसे अटैक से बचने के लिए कुछ साॅफ्टवेयर है जिसे सिस्टम में इंस्टाॅल किया जा सकता है । हैकर्स द्वारा वायरस की समान ही नये डीओस अटैक भी निरंतर किए है । यदि यूसर को लगता है कि वह डीनायल आॅफ सर्विस अटैक से पीड़ित है, उसे इस संबंध में पुलिस में षिकायत दर्ज करनी चाहिए ।

माकर््ड करेंसी/डीफेस्ड ब्लैक करेंसी/वाष-वाष/मनी मल्टीप्लायर/ब्लैक डाॅलर नाइजीरियन एडवांस फी फ्राउड कैष क्लीनिंग मनी स्कैम्स

ऐसे मामलों में इंटरनेट यूसर को अचानक एक ईमेल प्राप्त होता है जिसमें उसे ईमेल भेजने वाला बहुत भारी विदेषी मुद्रा प्राप्त करने का प्रलोभन देता है ।

नाइजीरियन एडवांस फी फ्राउड के एक संदर्भ में पीड़ित को बैंक नोट्स के केस लोड मंे, प्राधिकरणों से उनके पहचान छुपाने या ‘‘सुरक्षा के प्रयोजनों’’ के लिए कोटेड या स्टैंप्ड के लिए कहा जाता है ।

पीड़ित, जो अंतिम रूप से रूपये छुड़ाने के लिए बेहिसाब फीस का भुगतान करने के बाद यह जानकर आष्चर्य मंे पड़ जाता है जब वह पाता है कि उसे प्रयोग योग्य बनाने से पहले केमिकल डाई से साफ करने की आवष्यकता है निसंदेह इस प्रक्रिया में अब और भी फीस और खर्च किया जाना होगा ।

प्रत्येक विदेषी मुद्रा में यह कहा जाता है कि प्रत्येक विदेषी मुद्रा में एक काला धब्बा लगा हुआ है जिसकी वजह से कस्टम मषीन के माध्यम से स्केनिंग डिवाइस द्वारा जाँच नहीं हो पाती है, दावों के मध्य इस मुद्रा का समुद्र पार ही उपयोग हो सकता है यहाँ तक समझ लिया जाता है कि आवागमन के समय या सुरक्षा कंपनियों के पास इसके होने पर सुरक्षा प्रयोजनों से नकदी नहीं हो सकती ।

पीड़ित को तथाकथित मुद्रा दिखाई जाती है, जिसे यह कहा जाता है कि ब्लैक कोटिंग या स्टैंप्स को एक विषेष कम्पाउंड द्वारा साफ कर हटाया जा सकता है रूपये को साफ करने हेतु एस.एस.डी सोल्यूषन, वेक्ट्रोल पेस्ट, लैक्टीना बेस 98ः माइक्रोटेक्टाइन तथा टेली मेटोनिक जैसे आकर्षक तथा महंगे गुप्त रसायनिक मिक्स की आवष्यकता है जिससे ट्रंक या सेक्यूरिटी केस को ‘‘साफ’’ किया जा सके, जिसमें यह माना जाता है कि अवैध विदेषी मुद्रा तथा मिलियनस समुद्रपार तिजोरी में स्टोर किया गया है ।

वस्तुतः मात्र कुछ सही काले किए गए विदेषी मुद्रा के बैक नोट ही पीड़ित को दिखाए जाते हैं, और एक विषेष रसायन जो वेसलाइन तथा आयोडीन के काले मिश्रण के साथ प्रतिक्रिया करता है, एक साधारण क्लीनिंग फ्ल्यूड है । केस में बची हुई सामग्री खाली, काली की गई कागज जो अकसर लिड अप के साथ का फोटो काॅपी करके तथा सीट को बैंक नोट आकार मंे काटकर बनाया जाता है ।

कुछ मामलों में वास्तविक मुद्रा को सामान्य वाइट ग्लू के सुरक्षात्मक परत के साथ प्री-कोट कर दिया गया, दूसरे बाद आयोडीन के घोल में डाई कर दिया गया । इसे बाद में मात्र पानी तथा पीसे हुए विटामिन सी टेबलेट के एक ‘‘गुप्त तथा महंगे’’ विलयन में डालकर निकाला गया ।

पीड़ित के सामने अपराधी ऐसे पेष जाएगा जैसे वह दो-चार नोटों में से रेनडॅमली केस से नोट का चयन कर रहा है इसके बाद वह उसे अपने पास उपलब्ध एक घोल को साफ करेगा । जिसके परिणामस्वरूप वह नोट बैंक के वास्तविक नोट के समान मूल रूप में वापस आ जाएगा। पीड़ित को ये नोट दे दिए जाते हंै जिन्हें इन नोटों को खर्च करने तथा उसकी बैंक में जाँच कराने तथा उनकी वास्तविकता की पुष्टि कराने के लिए आमंत्रित किया गया है ।

वास्तव में अपराधी को यह भली भांति ज्ञात होता है कि वह कौन सा नोट का चयन कर रहा है तथा वह वहाँ उपलब्ध मात्र असली नोटों का ही चयन करता है । एक असली निपुण अपराधी पीड़ित को नोट साफ करने हेतु चयन करने के लिए आमंत्रित करता है तथा अपने पूर्व अभ्यास से हाथ की सफाई दिखाकर, पीड़ित से असली नोट ही चयन करवाता है ।

पीड़ित से कहा जाता है कि क्लींनिंग कम्पाउंड की थोक मंे आपूर्ति के लिए यू.एस. डाॅलर 50,000 से यू.एस. डाॅलर 100,000 के बीच उपलब्ध कराएं जिसे अपराधी खरीदने का प्रस्ताव रखता है ।

कुछ अवसरों पर आप किसी पर विष्वास कर, कुछ समय के लिए अपना सूटकेस रख सकते हैं, जब तक कि आपको विलयन खरीदने के लिए पैसे प्राप्त न हो जाएं । आपको सूटकेस खोलने से रोकने के लिए आपको यहाँ तक कहा जाएगा कि हवा लगने पर काला तत्व रूपयों को बर्बाद कर देगा ।

रूपयों की प्राप्ति हो जाने के बाद पीड़ित को रसायन का वितरण नहीं किया जाता, जो विदेषी मुद्रा के नोटो के बदले बेकार के काले कागजों से भरे सूटकेस के साथ रह जाता है ।

नेट का उपयोग करने वालों से निवेदन है कि यदि वे अपने ईमेल मंे ऐसी सूचनाएँ प्राप्त करते हैं तो उन्हें नकार दें ।