गिलोय के आयुर्वेद में कई फायदे बताए गए हैं। इसका इस्तेमाल प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में किया जाता रहा है। लेकिन जब से करो ना आया है, तब से इसका इस्तेमाल अधिक हो गया है जोकि नुकसानदायक साबित हो सकता है। इसलिए इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें।
कोरोना काल में काढ़ा खूब पिया जा रहा है। इसमें शॉट आदि के अलावा गिलोय का भी इस्तेमाल होता है।
इम्युनिटी बढ़ाता है
किसी भी बीमारी से लड़ने के लिए शरीर की प्रतिरोधी क्षमता का बड़ा योगदान होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि गिलोय इम्यूनिटी बढ़ाने में बेहतर कार्य है। इसके साथ कई अन्य वस्तुओं जैसे तुलसी कोमा दालचीनी आदि का भी प्रयोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में होता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
गिलोय को अमृता या गुडुची के नाम से जाना जाता है। यह एक जड़ी बूटी है जो पाचन में सुधार और इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करती है। आयुर्वेद में गिलोय के पौधे के सभी भागों का उपयोग किया जाता है। हालांकि, इसकी जड़ को सबसे ज्यादा फायदेमंद माना जाता है।
गिलोय के फायदे
- वजन कम करने के लिए गिलोय का जूस फायदेमंद होता है। इससे शरीर का मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है।
- डायबिटीज के रोगी को ब्लड शुगर कम करने के लिए गिलोय फायदेमंद होता है।
- पाचन तंत्र को बेहतर बनाने के लिए गिलोय खाना चाहिए।
- इससे कब्ज एसिडिटी और पेट फूलने की समस्या दूर होती है।
- गिलोय शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है कॉमन ब्लड को शुद्ध करता है।
अधिक सेवन के नुकसान
- गिलोय के अधिक सेवन से इम्यून सिस्टम अधिक सक्रिय हो जाता है जिससे ऑटोइम्यून बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। रूमेटाइड अर्थराइटिस के मरीजों को गिलोय का सेवन नहीं करना चाहिए।
- अधिक सेवन करने से ब्लड प्रेशर भी लो हो सकता है। लो ब्लड प्रेशर के मरीजों को गिलोय के सेवन से परहेज करना चाहिए।
- किसी भी सर्जरी से पहले गिलोय का सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है। इसीलिए सर्जरी से पहले प्रयोग से परहेज करें।
- हाल ही में एक अध्ययन में पाया गया है कि बिना कुशल चिकित्सक की निगरानी के गिलोय का लगातार लंबे समय तक सेवन आपके लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है।