इंदिरा की कहानी इलाहाबाद के आनंद भवन में पैदा हुई एक ऐसी लड़की के बारे में है, जिसने लोकप्रियता और लोकतंत्र दोनों को एक साथ साधा और तमाम महारथियों को धूल चटा दी हुई देश की राजनीति के शिखर पर पहुंची। भारतीय राजनीति में एक समय था जब राम मनोहर लोहिया ने उन्हें गूंगी गुड़िया कहा था और मुरारजी देसाई उन्हें लिटिल गर्ल मान रहे थे कॉमन अगर देश में इंदिरा की ऐसी लहर उठी कि सब के कयास और कथित अनुभवी आकलन तिनके की तरह बह गए। जन संघ के नेता अटल बिहारी बाजपेई ने उन्हें दुर्गा कह कर सम्मानित किया।
इंदिरा गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 में उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद वर्तमान में प्रयागराज में हुआ। वह भारत की प्रथम और अब तक की एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रही। इंदिरा को उनका गांधी उपनाम फिरोज गांधी से विवाह के पश्चात मिला था पुलिस स्टॉप पंडित नेहरु की पुत्री होने की वजह से उन्हें राजनीति में शिखर पर पहुंचने के लिए इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ी मां जितनी कि एक सामान्य नेता को करनी पड़ती है। उन्होंने अपनी पढ़ाई ब्रिटेन स्थित ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से की।
1941 में ब्रिटेन से भारत आने के बाद वे स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हो गई।
1942 में इलाहाबाद में एक निजी समारोह में फिरोज गांधी से विवाह किया।
1947 में बंटवारे के दौरान शरणार्थी शिविरों को संगठित किया और उनके लिए चिकित्सा संबंधी देखभाल प्रदान करने में मदद की।
1950 में अपने पिता व प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के कार्यकाल के दौरान उनके निजी सहायक के रूप में काम किया।
1964 में उनकी चुनाव एक राज्यसभा सदस्य के रूप में हुआ।
1966 से 24 मई 1977 तक प्रधानमंत्री रहे।
1975 में इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल लागू किया।
1977 के आम चुनाव में पहली बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
1980 से 1984 तक भारत की प्रधानमंत्री रहे।
1984 में अक्टूबर माह की 31 तारीख को उनकी हत्या कर दी गई।
इंदिरा गांधी के कार्यकाल का सबसे गलत फैसला यह था कि उन्होंने देश में आपातकाल लागू कर दिया। अखबारों पर सेंसर लगा दिया गया और तकरीबन सभी विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया। विरोध की सभी आवाजों को दबा दिया गया। यह दौर इंदिरा और उसके पुत्र संजय गांधी तानाशाही के लिए भी जाना जाता है। पीएन अक्सर उस समय इंदिरा गांधी के प्रधान सचिव थे। संजय के व्यवहार से तंग आकर एक दिन उन्होंने इंदिरा से कहा आपको तय करना होगा कि आप पहले देश के प्रधानमंत्री हैं या संजय गांधी की मां। अक्सर को जल्द ही बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।