साइबर ठग फंसे तो गया काम से

नवंबर 2020 की बात है, एक खबर के अनुसार एक जॉब पोर्टल से रोजगार की तलाश कर रहे 1000000 से भी ज्यादा लोगों का डाटा एक साइबर अटैक के चलते क्लिक हो गया था। इसमें उनके नाम, ईमेल एड्रेस कोमा फोन नंबर वगैरह थे। वैसे तो साइबर विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दौर में साइबर अटैक का एक नया ट्रेंड देखने को मिलेगा, जिनमें बड़े संगठनों को हमा सरकारी महकमों को मा रक्षा तंत्र और बड़े उद्योगों का पूरा तंत्र निशाने पर लाने की कोशिश की जाएगी।

साथ ही साइबर थ्रेट्स 2022 नामक एक रिपोर्ट का कहना यह भी है कि साइबर अपराध में किसी एक व्यक्ति को शिकार बनाना सबसे आसान और सफलता की ज्यादा संभावना वाला चैनल होता है और इस साल इसमें ज्यादा बढ़त होने वाली है। कारण यह भी है कि महामारी के चलते डिजिटल मंचों पर लोगों की निर्भरता बढ़ी है। वर्क फ्रॉम होम और लोक डॉन की स्थितियों ने लोगों को ऑनलाइन तो स्थगित कर दिया, पर निजी कंप्यूटर सिस्टम में साइबर सिक्योरिटी का ताना-बाना आमतौर पर कमजोर ही होता है या फिर हम इसके प्रति लापरवाह ही रहते हैं। इसीलिए इन दिनों साइबर ठगी के मामले भी बढ़े हैं।

रेनसमवेयर की पकड़ आम आदमी पर भी

रेन सम वेयर इज वेरी आपकी सिस्टम को दूर से कंट्रोल किया जा सकता है। बैलेंस दो दाधीच बताते हैं कि आपके सिस्टम को यह लॉक कर देता है। आप सिर्फ अपने डेक्सटॉप खोल पाते हैं। फिर उसी सिस्टम पर संदेश के माध्यम से अनलॉक करने के बदले पैसा मांगा जाता है और पेमेंट क्रिप्टो करेंसी में करने की बात होती है। अगर आप सोचते हैं कि यह बड़ी मछलियों के लिए है तो ऐसा नहीं है। अब यह किसी के साथ भी हो सकता है क्योंकि रोज 10 10 लाख ऐसे संदेश भेजा आते हैं। फिर वह शिखर से होने वाली बातचीत के आधार पर उसे आंख कर रकम रख सकते हैं। उनकी पूरी तैयारी होती है। साइबर क्राइम की कुछ रिपोर्टों का मानना है कि अब रैनसमवेयर के माध्यम से एक तीर से तीन शिकार करने का चलन भी शुरू हो चुका है। इसमें किसी कंपनी के तंत्र में पहुंच बना कर न सिर्फ कंपनी से कमा बल्कि उससे प्राप्त डाटा में शामिल हर एक व्यक्ति से और कंपनी से जुड़ी अन्य इकाइयों से भी मनचाही वसूली करने का ट्रेंड जोर पकड़ रहा है। इसे ट्रिपल एक्सटॉर्शन रैनसमवेयर का नाम दिया गया है।

बढ़ रही है स्पीयर फिशिंग

फिशिंग तो हम सभी जानते ही हैं, एक और तरीका है स्पीयर्फिशिंग का जो अब जोर पकड़ रहा है। इचिंग में कई और लोगों को बिना किसी क्रम में ईमेल भेजी जाती है, उसे संभावना कुछ प्रतिशत के फैसले की होती है। लेकिन स्पीयर्फिशिंग में एक व्यवस्थित तरीके से किसी एक व्यक्ति को संगठन या उद्योग को शिकार बनाने के लिए ईमेल या मैसेज या ऐसा ही संपर्क तैयार किया जाता है। संदेश की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए सैंडल की जगह पर आप ही किसी परिचित व्यक्ति, संगठन या कंपनी का नाम हो सकता है। अब तक इनके कंटेंट में ऑडियो और इमेजेस को भी शामिल किया जा रहा था लेकिन साइबर विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले वक्त में इसमें वीडियो कंटेंट भी देखने को मिलेगा। ऐसे ही हमारे मेल बॉक्स में टाइम मेल भी होती है। स्पैम मेल के जरिए भी वायरस भेजा जा सकता है। टाइम एसएमएस या व्हाट्सएप मैसेज भी हो सकते हैं। हालांकि इसमें वायरस वाली स्पैम संदेश का प्रतिशत कम होता है।